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Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज'

IPS वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले ने सिस्टम को हिला दिया है। रोहतक FIR के 24 घंटे बाद चंडीगढ़ में खुद को गोली मारना और 9 पन्नों के सुसाइड नोट में 15 IAS-IPS अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप बेहद गंभीर है। पढ़िए IPS की मौत से जुड़े हर रहस्य का एक्सप्लेनर।

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Ajit Kumar Pandey
Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज

Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या ने पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया है। रोहतक में रिश्वतखोरी के आरोप में FIR दर्ज होने के ठीक 24 घंटे के अंदर चंडीगढ़ स्थित अपने घर के बेसमेंट में उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। 

घटना स्थल से बरामद 9 पन्नों के सुसाइड नोट में कथित तौर पर 15 सीनियर IAS और IPS अधिकारियों के नाम दर्ज है, जिस कारण यह मामला अब सिर्फ आत्महत्या न रहकर, सिस्टम के अंदर गहरे भेदभाव और प्रताड़ना की ओर इशारा कर रहा है। 

हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत एक पहेली बन गई है। एक ऐसा अधिकारी जो पिछले चार सालों में पुलिस विभाग में जारी भेदभाव, गलत पोस्टिंग और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अनगिनत याचिकाएं दायर कर चुका था, उसने अचानक क्यों खुदकुशी कर ली? 

आईपीएस वाई पूरन कुमार की मौत से ठीक एक हफ्ते पहले, 29 सितंबर को उन्हें रोहतक रेंज के आईजीपी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के 'फील्ड पोस्टिंग' से हटाकर, जिसे पुलिस सर्कल में 'दंड' माना जाता है सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का हेड बना दिया गया था। 

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यह ट्रांसफर, FIR, रिश्वतखोरी का आरोप और फिर आत्महत्या- घटनाओं की यह पूरी शृंखला कई अनसुलझे सवाल खड़े करती है। 

15 वरिष्ठ और पूर्व IAS-IPS पर भेदभाव का आरोप

पूरन कुमार की मौत के बाद उनके नौ पन्नों के सुसाइड नोट ने पुलिस और प्रशासनिक हलकों में भूचाल ला दिया है। सुसाइड नोट में उन्होंने 15 वरिष्ठ और पूर्व IAS-IPS अफसरों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें हरियाणा के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर, पूर्व चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद, पूर्व एसीएस (गृह) राजीव अरोड़ा, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पीके अग्रवाल समेत नौ वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं।

सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने लिखा है कि उन्हें बार-बार अपमानित पोस्टिंग दी गई, उनकी शिकायतों को अनसुना किया गया और झूठे केस बनाकर उन्हें मानसिक रूप से तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें मंदिर जाने पर भी निशाना बनाया गया और पिता की मृत्यु से पहले छुट्टी तक नहीं दी गई, जिसे उन्होंने 'अपूर्णीय क्षति' बताया।

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सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार की गई शिकायतों को या तो दबा दिया गया या फिर उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया गया। नोट में यह भी लिखा कि उनके बकाया एरियर रोके गए, वेतन और वाहन से संबंधित सवाल उठाए गए और फर्जी रिपोर्ट्स फैलाई गई। खास तौर पर उन्होंने लिखा कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एसपी नरेंद्र बिजरानिया को 'ढाल' बनाकर उनके खिलाफ झूठे केस बनवा रहे थे। वहीं, आईपीएस माटा रवि किरण द्वारा इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा उनके लिए अंतिम ट्रिगर साबित हुई।

Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज
Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

IAS पत्नी ने नहीं दी पोस्टमार्टम की अनुमति

इस पूरे घटनाक्रम के बाद उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार ने विदेश दौरे से लौटकर सेक्टर 11 थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, उन्हें गिरफ्तार करने और SC/ST एक्ट और धारा 108 (abetment to suicide) के तहत केस चलाने की मांग की है। उन्होंने पति के शव का पोस्टमार्टम करवाने से भी इनकार कर दिया और कहा कि जब तक आरोपियों की जवाबदेही तय नहीं होती, वो इसकी अनुमति नहीं देंगी।

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अमनीत पी कुमार ने 15 बार किया कॉल

उस समय उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार जापान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ एक सरकारी दौरे पर थीं. पूरन कुमार ने उन्हें जब सुसाइड नोट और वसीयत भेजी तो अमनीत पी कुमार ने उन्हें 15 बार फोन किया, मगर उन्होंने एक बार भी कॉल रिसीव नहीं किया। इससे घबराकर अमनीत ने अपनी छोटी बेटी अमूल्या से तुरंत पिता को देखने और उनसे बात कराने के लिए कहा। मां के फोन कॉल के बाद जब अमूल्या घर पहुंचीं तो बेसमेंट में अपने पिता को सोफे पर पड़े हुए थे और उनके सिर से खून बह रहा था।

चंडीगढ़ में 7 अक्टूबर को हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने अपने आवास के बेसमेंट में खुद को गोली मारकर जान दे दी। घटना से ठीक एक दिन पहले उन्होंने 6 अक्टूबर को एक वसीयत तैयार की थी, जिसमें अपनी सारी चल-अचल संपत्ति पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार के नाम कर दी थी। इसी के साथ उन्होंने नौ पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा, जिसे उन्होंने पत्नी को भेजा था।

रोहतक FIR मौत से 24 घंटे पहले दर्ज हुआ रिश्वतखोरी का केस 

पूरन कुमार की मौत का सीधा संबंध रोहतक के अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में 6 अक्टूबर को दर्ज हुई एक FIR से है। इस FIR में खुद पूरन कुमार का नाम दर्ज था, जिस पर एक शराब कारोबारी से हर महीने ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था। यह शिकायत तब की है जब पूरन कुमार रोहतक जोन के आईजीपी थे। 

सूत्रों के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने रिश्वत मांगने से जुड़े कुछ ऑडियो और वीडियो भी जारी किए थे, जिससे पूरन कुमार पहले से ही मानसिक रूप से परेशान थे। 

हेड कांस्टेबल की गिरफ्तारी ने बढ़ाई मुश्किलें 

जिस दिन FIR दर्ज हुई, उसी दिन पूरन कुमार के करीबी माने जाने वाले हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को भी रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, गिरफ्तारी से पहले हेड कांस्टेबल ने कथित तौर पर इस रिश्वत कांड में पूरन कुमार का नाम भी लिया। जानकारों का मानना है कि सुशील कुमार की गिरफ्तारी के बाद पूरन कुमार की गिरफ्तारी भी लगभग तय थी, जिसने उन्हें और अधिक दबाव में ला दिया। 

चंडीगढ़ कोठी नंबर 116 लहूलुहान शव और 9 पन्नों का 'आखिरी बयान' 

FIR दर्ज होने के ठीक अगले दिन, दोपहर करीब डेढ़ बजे, पुलिस कंट्रोल रूम को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित कोठी नंबर 116 में गोली चलने की सूचना मिली। यह वाई पूरन कुमार का सरकारी आवास था। जब फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची तो बेसमेंट के थिएटर रूम में सोफे पर उनका लहूलुहान शव मिला। पास ही में उनकी सर्विस रिवॉल्वर और एक 9 पन्नों का नोट पड़ा था। प्राथमिक जांच में इसे सर्विस रिवॉल्वर से सिर के दाहिने हिस्से में गोली मारकर की गई आत्महत्या बताया गया। 

क्या थी उनकी पत्नी की स्थिति? घटना के वक्त पूरन कुमार की आईपीएस पत्नी, अमननीत पी. कुमार, जो हरियाणा के मुख्यमंत्री के दफ्तर में 'विदेशी डेस्क की हेड' हैं, एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर जापान गई हुई थीं। 

सुसाइड नोट का रहस्य: 15 अधिकारियों के नाम और 'प्रताड़ना' के आरोप 

पुलिस ने अभी तक सुसाइड नोट की कॉपी सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस 9 पन्नों के 'आखिरी बयान' में कई चौंकाने वाले खुलासे हैं। कथित तौर पर पूरन कुमार ने इसमें 15 सीनियर IAS और IPS अधिकारियों के नाम लिखे हैं। इनमें  कुछ वर्तमान में सर्विस में हैं और कुछ रिटायर हो चुके हैं। 

Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज
Explainer : 15 IAS-IPS पर आरोप! पूरन कुमार की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन? सुसाइड नोट ने खोले 'राज' | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

सुसाइड नोट में लगाए गए प्रमुख आरोप भेदभाव और प्रताड़ना 

पूरन कुमार ने एक डीजीपी रैंक के अधिकारी पर उन्हें बेवजह नोटिस भेजकर परेशान करने का आरोप लगाया है। 

प्रशासनिक दखल: IPS-IAS अधिकारियों पर उनके खिलाफ लगातार प्रशासनिक दखल देने और भेदभाव करने के गंभीर आरोप हैं। 

जातिगत भेदभाव: सुसाइड नोट में जातिगत भेदभाव, पोस्टिंग में भेदभाव, एसीआर ACR में गड़बड़ी और सरकारी आवास व गाड़ी के आवंटन में भी भेदभाव का जिक्र है। 

पूरन कुमार अपने विभाग के खिलाफ कोर्ट जाने के लिए जाने जाते थे। एक बार उन्होंने रैंक के हिसाब से सरकारी गाड़ी न मिलने पर विरोध जताते हुए अपनी सरकारी गाड़ी भी लौटा दी थी। इस कारण पुलिस डिपार्टमेंट के आला अफसर अक्सर उनसे नाराज रहते थे। 

घटनाओं का क्रम: ट्रांसफर से आत्महत्या तक 

जून 2023: रोहतक के शराब कारोबारी ने DGP ऑफिस में रिश्वत मांगने की पहली शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

29 सितंबर: पूरन कुमार को IGP रोहतक से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया एक तरह का 'दंड' पोस्ट में ट्रांसफर किया गया। 

6 अक्टूबर: अर्बन एस्टेट थाना रोहतक में पूरन कुमार और उनके हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ रिश्वतखोरी की FIR दर्ज हुई। सुशील कुमार गिरफ्तार। 

7 अक्टूबर: FIR दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर, पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर खुद को गोली मारी। 

9 अक्टूबर: उनकी पत्नी अमननीत कुमार जापान से चंडीगढ़ पहुंचीं। 

अनसुलझे सवाल: वाई पूरन कुमार की मौत एक अकेले अधिकारी की आत्महत्या से कहीं ज़्यादा है- यह हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक सेवा के भीतर चल रहे शक्ति संघर्ष और कथित भ्रष्टाचार की ओर एक भयावह इशारा है। 

जब तक पूरन कुमार का पूरा सुसाइड नोट सार्वजनिक नहीं होता, तब तक यह पहेली सुलझना मुश्किल है। 

क्या रिश्वतखोरी की FIR सच थी या यह पूरन कुमार को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश थी, जैसा कि कुछ सूत्र बता रहे हैं? क्या यह ट्रांसफर, FIR और आत्महत्या की घटना एक गहरे षड्यंत्र का हिस्सा है? 

इन सभी सवालों का जवाब अब पुलिस की निष्पक्ष जांच पर निर्भर करता है, जिसके केंद्र में खुद पुलिस विभाग के कई सीनियर अधिकारी हैं।

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